नमश्कार दोस्तो आज ये मेरी पहली कहानी है जो मैं आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ ..! हालाँकि ये थोड़ा जल्दबाजी में ही लिखी गई है इसलिए कुछ चूक भुल से मिस्टेक रह गयी हो तो उसके लिए पहलेही क्षमा चाहता हूँ।

एलियंस और सायंटिस्ट सिद्धार्थ - Chapter-1




दोस्तो ये एक शार्ट Sci-Fi कहानी है कहानी जरासी जल्दबाजी में लिख के ब्लॉग पर डाल रहा हूँ । लेकिन वादा करता हूँ आगे आनेवाली सभी कहानिया बहोत अच्छे से आपके लिए लेकर आऊँगा और उनमे से बहोत सी कहानिया अनुवादित होंगी और जैसा की ब्लॉग का नाम है बिल्कुल वैसी ही साय फाई सस्पेंस थ्रिलर ही कहानिया पोस्ट होंगी .तो उसके लिए आप इस ब्लॉग को अपने ब्राउज़र में सेव करके रखिये और हफ्ते में एकबार जरूर विजिट करते रहिये तांकि आप मेरी नई कहानी जल्दी पढ़ सके .. तो चलिए कहानी की और बढ़ते है..


सिद्धार्थ अपने फार्म हाउस मे खेतो खलियानो को देखते हुए , पहाड़ियों से आती हुई हवा के झोंको को अनुभव करते हुए सहज ही में टहल रहा था.. वो पेशे से एक इंजीनियर था लेकिन कुछ सालो पहले उसने वो काम छोड दिया था और अब वो शहर की मल्टीनेशनल कम्पनी की जॉब छोड़के अपने गांव शिवपुर में आकर खेती बाड़ी कर रहा था .. हालांकि उसकी उमर 30 साल होगयी होंगी मगर इसकी शादी अभीतक नही हुई थी . उसे गाँव का माहौल , गाँव के पासके जंगल और उससे पास की पहाड़ियों को देखना बहोत अच्छा लगता था इसीलिए शायद उसने गाँव के बीचोबीच के अपना पुराने घर में रहने की बजाय अपने खेत पर ही छोटा सा मगर खूबसूरत घर बनवा लिया था..
वो गांव में बहोत कम जाता था .. सिर्फ जरूरी समान लेने या किसी के मिलने के लिए ही कभी कभी गांव का चक्कर लगा ने चला जाता था .. वरना अक्सर वो दिन भर अपने खेती के काम करता और फुर्सत के वक्त में अपने पुराने इंजीनियरिंग के ज्ञान को घर पर ही तराशता रहता था.. 
आज वो अपने खेती के काम को पूरा करके ऐसे ही पहाड़ियों और जंगलो के खूबसूरत नजारो को देखता हुआ ऐसेही बस टहल रहा था की ..और अचानक एक चमकदार गोल चीज आकाश से गिरते हुए उसने देखी.. उसको बड़ा आश्चर्य हुआ .. उसको इच्छा हुई की ये क्या चीज है ? मगर थोड़ी देर में उसे संदेह हुआ की ये जरूर कोई यूएफओ हो सकता है उसने सोचा शायद उसे देखना चाहिये की वास्तव में वो क्या है ....  वो पहाडियो की तरफ दौड़ता हुआ गया .. और  करीब जाने के बाद उसे देखा की वो वास्तव में वो यूएफओ ही था। 
कुछ हलचल की आशंका पाकर सिद्धार्थ पासहीकी झाड़ियों के अंदर छिप गया .. 
वो ufo एक गोल प्लेट के आकार का था जिसका कलर काले राख जैसे पत्थर की तरह दिख रहा था ..मगर अभी धीरे धीरे उसमे हरे नीले रंग का प्रकाश बढ़ने लगा और वो काले रंग का ufo अब आज के अत्याधुनिक यान से भी ज्यादा चमकने लगा.. और अब साफ तौर पर उसकी कमाल डिजाइन दिखाई देने लगी.. बेहद ही खूबसूरत रचना थी वो.. अब उसका दरवाजा सरका और उसमें से जमीन तक सीढिया बाहर आयी..और उसमें से एक मानवीय आकृती बाहर आने लगी .. उसने कोई एक यांत्रिक सूट पहन रक्खा था और सर पे हेलमेट जैसा कुछ था .., शायद उसने वो यहाँ के वातावरण के लिए लगा रक्खा हो .. अब वो नीचे उतर चुका था . . और जैसे ही वो नीचे उतरा यान की सीढिया धीरे धीरे फिर से चली गयी..औऱ धीरे धीरे यान का प्रकाश और ज्यादा बढ़ने लगा इतना की दिन के उजाले में भी उसकी चमक ने उसकी तरफ से नजर घूमाने से मजबूर कर दिया.. और एकाएक उसका प्रकाश बुझ गया और साथ ही यान भी गायब हो गया ।
सिद्धार्थ तो जैसे ये सब देख कर आश्चर्यचकित हो गया था।
और कुछ डर भी रहा था क्योंकि क्या पता अगर उस एलियन ने उसे देखा तो उसे नुकसान भी पहुंचा सकता है.. हालांकि वो घनी झाड़ियों में छिपा था ..ये याद करके वो थोड़ा निश्चिंत हो गया तभी उसे एक बडीही अजीब आवाज आयी .., उसने जैसे ही सामने देखा उसके होशोहवास सब दंग रह गए वो एलियन उसके ठीक सामने ही खड़ा था ..
'Cxrvomzey dree' उस एलियन ने आवाज दी .. उसकी आवाज ऐसी थी मानो कोई रोबोटिक मशीन उससे बात कर रही हो उसने आवाज के साथ अपने पास आने के लिए इशारा किया था .. ,सिद्धार्थ सहमते हुए बाहर आया और उससे पूछा कौन हो तुम ? 
'डरो मत  मैं तुम्हे कोई चोट नही पहुँचाऊँगा '.. उस एलियन ने कहा  . उसकी इस बात पर सिद्धार्थ को थोड़ा साहस हुआ और वो उसके और करीब जाते हुए बोला ' तुम कौन हो और यहाँ क्या करने के लिए आये हो..? और तुमने मुझे इन झाड़ियो में छिपे रहने के बाद भी कैसे ढूंढ लिया..?
तब एलियन ने जवाब दिया .. मैं बाहर आकाशगंगा से आया हूँ .. और हम अक्सर यहाँ आते रहते है मगर आज यान मे खराबी आने के कारण मैं यहाँ आ गिरा हूँ.. और मैने तुम्हे इस डिटेक्टर की मदद से ढूंढा .. इतना कहते हुए उसने अपने सूट के हाथ से कुछ छोटासा मोबाइल जैसा यंत्र निकाला और दिखाते हुए बोला - इस यह रडार यंत्र की मदत से मैने तुम्हें ढूंढा..

सिद्धार्थ ने उससे कहा लेकिन तुम यहाँ किस लिए आते हो ?
ये तो मैं तुम्हें नही बता सकता मगर इत्मीनान रक्खो मैं यहाँ कुछ गलत नही करूँगा .. 

ठीक है, मगर अभी अभी जो तुम्हारा यान यहाँ था वो कहा गया ? सिद्धार्थ ने पूछा।
इसपर वो एलियन जिस जगह कुछ देर पहले यान खड़ा था वहाँ गया और हाथ से कुछ इशारा किया और कुछ अजीब भाषा में बोला , उसके बाद फिर से धीरे धीरे हरा नीला प्रकाश  बढ़ने लगा और धीरे धीरे फिर से यान दिखाई देने लगा...
सिद्धार्थ ये देखकर आश्चर्य से बोला ये तो कमाल है.. वाकई यान गायब हो गया था ..!
'ये तो कुछ भी नही है ' और कई बाते है जिसे जानकर तुम आश्चर्य करोगे ..
सिद्धार्थ - अछा ! क्या में तुम्हारा यान देख सकता हूँ ?
हा हा क्यो नही ! आजाओ .. एलियन ने उसको यान देखने के लिए बुलाया ..
सिद्धार्थ और वो एलियन अब यान में चले गए ..
सिद्धार्थ यान की बनावट देखके आश्चर्यचकित हो रहा था..
वाकई लाजवाब ..! अदभुत ! सिद्धार्थ उस यानके बनाने वालो की तारीफ करते हुए देख रहा था..
अंदर कई रचनात्मक यंत्र और मशीने थी.. एलियन मशीनों के बारे में बताते हुए बोला 
ये मशीन ऐसी है जो प्रकाश को शक्ति में परिवर्तित करती है, और ये सुपर-पावर्ड जनरेटर जो एक सेकंड में वापस बेस पर उड़ान भर सकता है, जो प्रति सेकंड 400 मिलियन क्रांतियों को बदल सकता है। 
यान पर लगे एंटीना से  मंगल, बृहस्पति, शुक्र आदि कई ग्रहों को सिग्नल भी मिल सकते हैं।



सिद्धार्थ ने देखा कि अंतरिक्ष यान से एक ध्वनि आ रही है : "पावर सिस्टम के साथ कोई समस्या है, क्या इसकी मरम्मत करना चाहते है?" 
एलियन ने उत्तर दिया: "हां।" 
5 सेकंड के बाद, अंतरिक्ष यान ने कहा: 
"पावर सिस्टम की मरम्मत की गई है।" 
यह यान इतना विकसित है की आप थोड़े समय में पावर व्यवस्था को दुरुस्त कर सकते हैं! 
वो एलीयन ऐसी कई चीजे करता बताता रहा ..और अंत में उसने कहाँ अब मुझे जाना होगा..
मेरा नाम ट्रॅव्हड है , मुझे जरुरी काम के लिये निकलना होगा।
सिध्दार्थ इतना सूनकर नीचे उत्तर गया और एलीयन से बोला क्या अब हम कभी मिल सकेंगे ..?
शायद ? चलो जाता हूँ.. तुमसे मिलके अच्छा लगा.. अलविदा .. 
इतना कहते ही यान फिरसे प्रकाशित हुआ और तेज प्रकाश की एक चमक के बाद, अंतरिक्ष यान के साथ ही वो एलीयन चला गया । और सिद्धार्थ मूर्खता से वहाँ खड़ा आसमान की तरफ देखता रहा ...

क्रमशः ...

प्रिय पाठक दोस्तो मैं भी आपही की तरह विज्ञान कथा , सस्पेंस थ्रिलर , रहस्य कथा पढ़ने का शौकीन रहा हूँ.. लेकिन कुछ टाइम बाद हिंदी की इस तरह की सारी रचनाये पढ़के होगयी तब मैंने बहोत ढूंढा मगर मुझे ऐसी नई हिंदी कथा कहानिया कहि नही मिली और मैं बचैनी के साथ बहोत दिन ऐसी कहानिया पढ़ने को तरसता रहा हूँ.. अगर आप भी मेरे जैसे साहित्य के शौकीन है और आप ये पढ़ रहे है तो निश्चित तौर पर मैं आपको बता दु की अब आपको चिंता करने की जरूरत नही है.. क्योंकि अबसे मैं आपके लिए इस ब्लॉग पर Sci fi Suspense Thriller Stories  आपके लिए लेके आता रहूंगा .. बस आपको मेरे लिए करना इतना है की आपको हर कहानी के पोस्ट में कमेंट्स जरूर करना है.. और बताना है की आपको क्या अच्छा लगता है और मुझे और क्या इम्प्रूवमेंट करना चाहिए ताकि आप को और बेहतर तरीके से कहानी का आनंद मीले.. क्रिटिकल प्रतिक्रियाओंका भी मेरे लिए आदर है.. और तो और आप मेरी इस कहानी के लिए टाइटल भी सुझाव कर सकते है ।
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